इंडिया में 5G अपने कदम रख चुका है तथा अब इंतजार है तो बस इसके दौड़ने का। विभिन्न स्मार्टफोन ब्रांड्स भारत में अपने 5G Smartphones लॉन्च कर रहे हैं और अब अलग-अलग सेग्मेंट तथा प्राइस रेंज में ढ़ेरो 5जी फोंस खरीदारी के लिए मौजूद है। Reliance Jio, Airtel और Vodafone Idea जैसी टेलीकॉम कंपनियां भी 5G Network की राह में तेजी से काम कर रही है। इंडिया में 5जी लाने के लिए Jio का प्रयास भी किसी से छिपा नहीं है। 5जी नेटवर्क व इंटरनेट के लिए रिलायंस जियो भी लगातार नई उपलब्धियां हासिल कर रही है और इसी राह में एक और अचीवमेंट हासिल करते हुए Jio ने OPPO के साथ मिलकर Reno6 Series स्मार्टफोंस में 5G Standalone Network पर सफल Trial किया है।
सिंगल मोड 5जी का सफल परीक्षण
OPPO द्वारा हाल ही में भारत में लॉन्च किए गए Reno6 और Reno6 Pro स्मार्टफोन को यूज़ करते हुए Reliance Jio ने एक और सफल 5जी ट्रॉयल देश में पूरा किया है। यह ट्रॉयल इसलिए भी खास माना जा रहा है कि क्योंकि कंपनी ने सिंगल मोड 5जी यानी 5G Standalone (SA) Network पर इस ट्रॉयल को कंडक्ट किया था। यहां ध्यान देने वाली बात है कि ओपो रेनो6 प्रो स्मार्टफोन जहां 11 5G bands सपोर्ट करता है वहीं ओपो रेनो6 को कंपनी ने 13 5G bands सपोर्ट के साथ बाजार में उतारा है। इस ट्रॉयल के दौरान कंपनी को high-quality 5G experience प्राप्त हुआ है।
क्यों खास है यह 5G Trial
जैसा कि हमने उपर बताया Jio द्वारा OPPO Reno6 Series स्मार्टफोंस पर किया गया यह ट्रॉयल सिंगल मोड 5G Standalone (SA) नेटवर्क पर किया गया है। इंडिया में अभी तक किए गए अधिकांश 5जी ट्रॉयल डुअल मोड नेटवर्क यानी 5G Standalone + 5G Non-Standalone (SA/NSA) पर ही हुए हैं। ऐसे में सिंगल मोड नेटवर्क पर ट्रॉयल का सफल होना यह साबित करता है कि जब भारत में 5जी नेटवर्क डिप्लॉय हो जाएगा तो सभी तरह के 5जी फोंस व डिवाईसेज पर बेहतरीन 5G Network प्राप्त होगा और सुपर फास्ट 5G Internet चलेगा।
इंडिया में इन बैंड्स पर काम करेगा 5जी
भारत सरकार के विभाग Department of Telecom यानी DOT ने इंडिया में 5जी ट्रॉयल्स के लिए उपलब्ध कराए गए स्पेक्ट्रम्स को तीन सेग्मेंट में विभाजित किया है जिनमें मिड-बैंड, मिलीमीटर वेव बैंड और सब-गीगाहर्ट्ज़ बैंड शामिल है। इस बैंड्स की फ्रिक्वेंसी की बात करें तो mid-band में 3.2 GHz से लेकर 3.67 GHz फ्रिक्वेंसी प्राप्त होती है। इसी तरह millimeter wave band 24.25 GHz से लेकर 28.5 GHz तक की फ्रीक्वेंसी पर काम कर सकते हैं तथा sub-gigahertz band में 700 GHz तक की फ्रीक्वेंसी और स्पीड प्राप्त होती है। बता दें ये सभी स्पेक्ट्रम भारत सरकार ने इस शर्त पर बांटें कि इनमें किसी भी चीनी कंपनी या टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।