6G के क्षेत्र में Jio की जबरदस्त छलांग, Airtel और Vodafone रह गए बहुत पीछे!

5G Network इस साल यानी 2022 में इंडिया में दस्तक दे देगा और उम्मीद है कि इस बार दिवाली तक भारतीय जनता को हाई स्पीड 5G Internet चलाने के लिए भी मिल जाए। Reliance Jio, Airtel और Vodafone Idea तीनों की टेलीकॉम कंपनियां इस 5जी नेटवर्क पर तेजी से काम कर रही है। लेकिन आज मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली रिलायंस जियो ने 6G की ओर कदम बढ़ाकर सबको चौका दिया है। ​जियो ने 6G technology में रिचर्स करने के मकसद से सीधे फ़िनलैंड की ओउलू यूनिवर्सिटी से हाथ मिला लिया है।

Reliance Jio और University of Oulu के बीच आज बड़ी साझेदारी हुई है। इस समझौते के तहत ये दोनों संगठन अब 6जी टेक्नोलॉजी की राह में संयुक्त तौर पर रिचर्स करेंगे और 6G technology standardisation के लिए मिलकर काम करेंगे। कंपनी का मानना है कि इस कलैबरेशन से न डिजीटल अवसरों की खोज की जाएगी ​बल्कि साथ ही मौजूदा 5जी टेक्नोलॉजी को और भी उन्नत बनाया जाएगा।

इन क्षेत्रों में आएगी क्रांति

रिलांयस ग्रुप की इकाई Jio Estonia और University of Oulu के बीच हुई इस साझेदारी के बाद माना जा रहा है कि Aerial and Space communication, Holographic Beamforming, 3D Connected Intelligence in Cybersecurity, Microelectronics और Photonics में विकास देखने को मिलेगा जिसका फायदा पूरी दुनिया को पहुॅंचेगा।

इस समझौते के बाद दोनों संगठनों का प्रयास रहेगा कि किस तरीके से 6जी टेक्नोलॉजी और 6जी इलेबल्ड प्रोडक्ट्स defence, automotive, white goods, industrial machinery, consumer goods, efficient manufacturing, novel personal smart device environments के साथ-साथ urban computing and autonomous traffic settings के क्षेत्रों में भी मददगार साबित हो।

400 मिलियन का सब्सक्राइबर बेस

Jio के पास इस वक्त इंडिया में 400 मिलियन यानी 40 करोड़ से भी बड़ा उपभोक्ता आधार है। और इसी वजह से इतनी बड़ी जनसंख्या तक भारी मात्रा में डाटा ट्रांसमिट करने में लगने वाली तकनीक और प्रबंधन का अनुभव ​रिलायंस जियो के पास पहले से ही है। 5G के लिए रिलांयस जियो पहले ही कई तकनीकी परीक्षण कर चुका और अब जियो की यह तकनीक 6G के लिए भी काम आने वाली है। ओउलू यूनिवर्सिटी के साथ हुई इस साझेदारी के बाद दोनों संगठनों की योग्यता 5जी के चलन से लेकर 6जी के विकास तक में काम आएगी।