भारत सरकार ने अगस्त 2023 में सिम कार्ड के लिए कई नए नियम पेश किए। नए कानून 1 दिसंबर से देश में लागू हो गए हैं। नए नियमों के तहत, दूरसंचार विभाग (DoT) ने सिम कार्ड के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन प्रक्रिया से छुटकारा पाने के लिए एक नया निर्देश जारी किया है। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि DoT 1 जनवरी 2024 से नई वेरिफिकेशन प्रक्रिया पर स्विच करने वाली है। इस नए नियम का फायदा ग्राहकों और कंपनियों दोनों को होगा।
इस लेख में:
आसानी से मिलेगा सिम
अगर बात करें New SIM Card Rules की तो अब आपको नया सिम लेने के लिए कागजी फॉर्म भरना होता है, फोटो देनी होती है और आईडी व अड्रेस प्रूफ के भी हार्ड डॉक्युमेंट आदि देना होता था। लेकिन, 1 जनवरी से सिम खरीदने पर सिर्फ डिजिटल KYC की जरूरत होगी।
नए नियम से होंगे ये फायदे
- इससे सिम कार्ड ईशू प्रोसेस काफी फास्ट हो जाएगा।
- सिम कार्ड इशू करने के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी कम होगी।
- सिम कार्ड के वेंडरों का वेरिफिकेशन किया जाना भी जरूरी है
सिम कार्ड इशू में नहीं होगी धोखाधड़ी
रिपोर्ट की मानें तो दूरसंचार विभाग इस बदलाव के जरिए सिम बेचने और खरीदने की प्रक्रिया को आसान करना चाहती है। वहीं, नए नियम से सरकार टेलिकॉम कंपनियों की लागत को कम कर सिम कार्ड इशू करने के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी को रोकना का प्रयास करेगी।
टेलिकॉम कंपनियों ने किया नए नियम का वेलकम
बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले का जियो, एयरटेल और वोडा-आइडिया ने स्वागत किया है। बता दें कि सिम कार्ड धोखाधड़ी के जरिए हजारों लोगों को लाखों रुपये की चपत लगती है। टेलिकॉम कंपनियां भी इस मामले बीच-बीच में उठाती रही हैं।
DoT की नोटिफिकेशन में सभी यूएएस और यूएल लाइसेंस धारकों को कागज-आधारित केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) प्रक्रिया का उपयोग बंद करने के लिए कहा गया है। इसका मतलब यह होगा कि देश के कई हिस्सों में अपनाए जाने वाले फिजिकल वेरिफिकेशन को खत्म कर दिया जाएगा। सिम कार्ड की भौतिक सत्यापन प्रक्रिया के लिए 9 अगस्त 2012 के निर्देश 1 जनवरी 2024 से समाप्त हो जाएंगे।
नोटिफिकेशन से यह भी पता चलता है कि 2012 के नोटिफिकेशन के अन्य नियम और शर्तें तब तक मौजूद रहेंगी जब तक कि समय-समय पर उनमें संशोधन नहीं किया जाता। सिम कार्ड के लिए फिजिकल वेरिफिकेशन को खत्म करने के पीछे एक कारण सरकार द्वारा कई वर्षों में मौजूदा केवाईसी ढांचे में किए गए विभिन्न संशोधन हैं।