84 नहीं 90 दिन का हो मोबाइल प्लान! क्या आपकी भी है यही मांग?

अगर कहा जाए ​कि इंडियन टेलीकॉम इंडस्ट्री इस वक्त अनिश्चितताओं से भरी हुई है तो कुछ गलत नहीं होगा। Reliance Jio, Airtel और Vodafone Idea ने साल 2021 के जाते-जाते अपने Mobile Plans price को बढ़ाकर भारतीय यूजर्स को तगड़ा झटका दिया था। इन तीनों प्राइवेट कंपनियों द्वारा बढ़ाए गए टैरिफ प्लान्स के दाम आम जनता पर बड़ी मुसीबत बनकर आए थे जिसने सीधे मोबाइल यूजर्स की जेब में सेंध लगाई थी। महंगे मोबाइल प्लान्स के बावजूद ये टेलीकॉम कंपनियां पूरे महीने की वैलिडिटी प्रदान नहीं कर रही है और यह बात लोगों में नाराजगी पैदा कर रही है। कुछ समय पहले जहां ट्राई की ओर से ​कहा गया था कि 30 दिनों का प्लान जारी करना जरूरी है। वहीं दूसरी ओर आम जनता व मोबाइल यूजर भी 28 दिन वाले प्लान को 30 दिन का किए जाने की मांग के साथ ही रिलायंस जियो, एयरटेल, वीआई और बीएसएनएल के सामने अपनी डिमांड रख रहे हैं कि 84 दिन की वैलिडिटी वाला प्लान 90 दिनों की वैलिडिटी वाला किया जाए।

3 महीने में 84 दिन!

इंडियन टेलीकॉम कंपनियों का कैलेंडर बाकी दुनिया के कैलेंडर से थोड़ा अलग चल रहा है। आम तौर पर एक महीने में जहां 30 या 31 दिन होते हैं वहीं जियो, एयरटेल और वीआई जैसी कंपनियां एक महीने को 28 दिन का बनाकर बेच रही है। इन कंपनियों ने धीरे-धीरे करते हुए यह ट्रेंड कब सेट कर दिया, इस बात की खबर मोबाइल यूजर्स को भी लग ही नहीं पाई। 28 दिन वाले प्लान्स के बाद टेलीकॉम कंपनियों ने 56 दिन और 84 दिन वाले प्लान्स भी मार्केट में लाने शुरू कर दिए और मजबूरीवश भारतीय उपभोक्ताओं को इन्हें भी अपनाना पड़ा है।

28 दिन का एक महीना जब मार्केट में चलना शुरू हो गया तो इन टेलीकॉम कंपनियों ने 56 दिन के दो महीने बना दिए तथा 3 महीनों को 84 दिन का बनाकर खड़ा कर दिया। यानी अब 61 दिन की बजाय 56 का प्लान और 91-92 दिन की जगह 84 दिन का प्लान बेचा जा रहा है। यहां साफ-साफ देखा जा सकता है कि तीन महीने वाले प्लान में कंपनी सीधे-सीधे एक सप्ताह बचाकर चल रही है। Jio, Airtel और Vi एक ओर जहां वैलिडिटी में अपनी बचत कर रही है वहीं दूसरी ओर 7 दिनों की वैधता वाले प्लान अलग से बनाकर भी बेच रही है। यह भी पढ़ें : नया SIM Card खरीदने से पहले इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान, नहीं तो छोटी सी लापरवाही करवा देगी बड़ा कांड!

टेलीकॉम कंपनियों की चालाकी

इस बात में कोई दो राय नहीं कि रिलायंस जियो हो या फिर एयरटेल या फिर वोडाफोन आईडिया, सभी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियां बाजार में सबसे पहले अपना प्रोफिट ही देखती हैं। ये कंपनियां उसी दिशा में काम करती है जहां से इन्हें अधिक मुनाफा हो। ऐसे में यूजर्स की सहूलियत हमेशा फायदे के बाद ही खड़ी दिखाई देती है। मोबाइल प्लान्स की वैलिडिटी का यह झोल भी मुनाफे का ही खेल है। अगर 84 दिन वाले प्लान्स की ही बात करें तो 3 महीने में जहां कम से कम 90 दिन होते हैं वहीं मोबाइल प्लान 84 दिनों के बिकते हैं।

एक साल में कुल चार तिमाही आती है। अगर कोई यूजर हर बार यह तीन महीने की वैलिडिटी वाला रिचार्ज कराता है तो उसे 90 दिन की जगह 84 दिन का प्लान मिलेगा। एक वर्ष में कम से कम (90 x 4 = 360) दिन का रिचार्ज मोबाइल यूजर्स को मिलना चाहिए लेकिन टेलीकॉम कंपनियों की मौजूदा पॉलिसी के तहत उपभोक्ता को एक साल के रिचार्ज पर (84 x 4) सिर्फ 336 ​दिनों की ही वैलिडिटी मिलती है। यानि चार क्वॉटर का पैसा चुकाने के बाद भी आम जनता को एक 1 महीना का रिचार्ज भी करवाना ही पड़ेगा, तक जाकर उनका एक साल पूरा होगा। यहां साफ देख सकते हैं कि साल में 12 महीने की सर्विस के लिए 13 महीने का पैसा चुकाना पड़ रहा है।

यूजर्स की डिमांड

जब से रिलायंस जियो, एयरटेल और वीआई जैसी प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने अपने मोबाइल प्लान्स महंगे किए हैं तब से ही भारतीय यूजर्स महसूस कर रहे हैं कि टेलीकॉम सर्विस और सुविधा के नाम पर उन्हें ठगा जा रहा है और मनमानें दाम वसूले जा रहे हैं। मोबाइल की जरूरत के चलते लोगों को मजबूरी में ही सही ज्यादा पैसे देकर रिचार्ज कराने तो पड़ रहे हैं लेकिन अब जनता का कहना है​ कि अगर मोबाइल सर्विस के लिए अधिक चार्ज देना पड़ रहा है तो कम से कम उन्हें सुविधाएं तो पूरी दी जाए। यूजर्स की मांग है कि अगर कंपनियां प्लान्स की कीमत कम नहीं कर रही हैं तो लंबी वैलिडिटी वाले प्लान्स में 84 दिन वाले प्लान को 90 दिनों का किया जाए। यह भी पढ़ें : Jio, Airtel और Vi का साथ छोड़ BSNL से जुड़ रहे भारतीय मोबाइल यूजर! आखिर क्यों, क्या आप भी हैं इनमें से एक?

इन​कमिंग कॉल फ्री करने की मांग

भारतीय मोबाइल उपभोक्ताओं की मांग है कि Jio, Airtel और Vi इन तीनों ही कंपनियों को एक ओर जहां अपने प्लान्स की वैलिडिटी को सही करना चाहिए वहीं साथ ही इन​कमिंग कॉल भी पूरी तरह से फ्री कर देनी चाहिए। यूजर्स की शिकायत है कि वह लोग अपना मोबाइल नंबर तो एक्टिव रखना चाहते हैं लेकिन उसमें बार-बार रिचार्ज करवाना नहीं चाहते हैं। ऐसे उपभोक्ताओं को मोबाइल सर्विस यूज़ करने के लिए हर बार वैलिडिटी रिचार्ज करावाना पड़ता है जो उनकी जेब पर भारी पड़ता है।

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देश के गांवों में बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं जो फीचर फोन रखते हैं तथा अपने फोन का यूज़ सिर्फ कॉल रिसीव करने के लिए करते हैं। कम आय वाले गरीब भाई और ऐसे बूढ़े बुजुर्ग लोग जिन्हें परिवार वाले आपात स्थिति में काम आने के लिए मोबाइल फोन देते हैं, उन्हें मजबूरन अपना नंबर चालू रखने के लिए हर बार रिचार्ज करवाना पड़ता है। भारतीय मोबाइल उपभोक्ताओं ने आवाज उठाई है कि नंबर एक्टिव रखने के​ लिए भी जारी किए गए वैलिडिटी रिचार्ज कंपनियों को बंद कर देने चाहिए।