अपनाना तो चाहते हैं BSNL लेकिन फिर भी बना रहे दूरी, आखिर क्या है हम भारतीयों की मजबूरी? जानें 5 कारण

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Reliance Jio, Airtel और Vodafone Idea ने बीतें दिनों अपने mobile Recharge plans के प्राइस को बढ़ाया है। इन तीनों प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने एक के बाद एक अपने टैरिफ प्लान्स को महंगा करते हुए भारतीय उपभोक्ताओं को तगड़ा झटका दिया है। समान बेनिफिट्स के लिए अधिक कीमत चुकाने को मजबूर लोगों की जेब पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है और ना चाहते हुए भी उन्हें ज्यादा पैसा देना पड़ रहा है। जियो, एयरटेल और वीआई जैसी निजी टेलीकॉम कंपनियों की मनमानी से परेशान इंडियन मोबाइल यूजर्स इस वक्त कोई सस्ता और बेहतर ऑप्शन तलाश रहे हैं और उन्हें इस वक्त सिर्फ एक ही सहारा नज़र आ रहा है बीएसएनल। सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड यानी BSNL को अनेंको लोग अपनाना तो चाहते हैं लेकिन कुछ ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से उन्हें अपने कदम पीछे खींचने पड़ रहे हैं। आज हमने ऐसे ही कुछ प्वाइंट्स को समझा और ढूंढ निकाला है जो इंडियन्स को बीएसएनएल में अखर रहे हैं। अगर BSNL कंपनी इनमें कुछ सुधार कर लें तो न सिर्फ भारतीय यूजर्स को एक अच्छा साथी मिल जाएगा बल्कि साथ ही बीएसएनएल कंपनी के भी अच्छे दिन शुरू हो जाएंगे।

1. लचर सर्विस

BSNL कंपनी की जिस चीज से लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी है, वह है कंपनी की खराब सर्विस। यहां हम नेटवर्क या सिग्नल सर्विस की बात नहीं कर रहे हैं बल्कि यूजर्स द्वारा शिकायत किए जाने के बाद उस समस्या के समाधान की बात कर रहे हैं। लोगों को कहना है कि अगर किसी वजह से कंपनी के टॉवर, खंबे, तार या अन्य यंत्र में खराबी आ जाती है तो उनकी मरम्मत में बहुत लंबा समय लग जाता है। बार-बार शिकायतें दर्ज कराने के बावजूद बीएसएनएल की ओर से कार्यवाही नहीं की जा जाती है।

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2. कमजोर कवरेज

कई बीएसएनएल यूजर्स की शिकायत है कि उनके ईलाकों में कंपनी की नेटवर्क कवरेज बेहद कम है। इस तरह की शिकायत करने के वाले लोग अधिकांश छोटे शहरों पर ग्रामीण ईलाकों से है। सोशल मीडिया पर इन उपभोक्ताओं ने कहा है कि उनके क्षेत्र में BSNL सिग्नल बेहद कम आते हैं। कमजोर नेटवर्क कवरेज के चलते कॉलिंग में समस्या उत्पन्न होती है। सिग्नल वीक होने के चलते  बार-बार कॉल ड्रॉप व कॉल अनएवेलेबल जैसी दिक्कतों को सामना करना पड़ता है। यूजर्स की मांग है कि बीएसएनएल नेटवर्क में सुधार होना चाहिए।

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3. स्लो इंटरनेट

नेटवर्क कवरेज की कमी की ही तरह बीएसएनएल की इंटरनेट स्पीड भी अनेकों ईलाकों में काफी स्लो होने की शिकायतें सामने आ रही है। लोगों का कहना है कि इंटरनेट की धीमी स्पीड यूजर्स को काफी ज्यादा परेशान करती है। एक ओर जहां जियो, एयरटेल और वोडाफोन आईडिया जैसी कंपनियां 5G Network और सुपर फास्ट 5G Internet की तैयारी में जुटी हैं वहीं दूसरी ओर पूरे देश के BSNL यूजर्स को अभी 4G Network तक नहीं मिल पाया है। BSNL 3G के सहारे उपभोक्ता आधार बढ़ाना बेहद मुश्किल है। और यूजर्स के अनुसार मौजूदा समय में तो यह कंपनी 3जी स्पीड भी ठीक से प्रदान नहीं कर पा रही है।

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4. सुस्त कर्मचारी

ऐसे बहुत से भारतीय मोबाइल यूजर्स हैं जिनका मानना है कि इस टेलीकॉम कंपनी के पिछड़ने की एक बड़ी वजह बीएसएनएल कर्मचारी ही है। कंपनी के कर्मचारी पुराने ढर्रे पर काम कर रहे हैं और लोगों की शिकायत है कि बीएसएनएल कर्मियों को उपभोक्ताओं की जरूरत और सहूलियत से कोई सरोकार नहीं है। कई अर्जी डालने के बाद भी बीएसएनएल कर्मचारी उनकी सुध नहीं लेते हैं। अगर BSNL कर्मचारी अपने रवैये तथा कार्यशैली में सुधार कर लें तो कंपनी की सर्विस भी बेहतर हो जाएगी।

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5. सरकारी पॉलिसी

Reliance Jio, Airtel और Vodafone Idea जैसी टेलीकॉम कंपनियों के सामने BSNL काफी पीछे नज़र आती है। देश में 5जी आने वाला है लेकिन बीएसएनएल अभी राष्ट्रव्यापी 4जी सर्विस के लिए तरस रही है। इसका श्रेय भी जनता सरकार को दे रही है। लोगों को मानना है कि गर्वनमेंट की ओर से बीएसएनएल की अनदेखी की गई तथा कंपनी को जरूरत पड़ने पर मदद प्राप्त नहीं हुई है। हाल ही में भारत सरकार ने बीएसएनएल को 44,720 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। आम जनता का कहना है कि सरकार सहायता कर रही है यह अच्छा है, लेकिन अगर यह कदम पहले उठाया जाता तो आज देश की सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL की यह दुर्दशा नहीं होती।

5 COMMENTS

  1. मेरे यहां तो बीएसएनएल की sim bhi nahi milti Delhi me itna बढ़ा चढ़ा कर गुण गान करने से कुछ नही होगा जैसे और सरकारी उपक्रम बकवास होते हैं उसी तरह बीएसएनएल भी बहुत बकवास है

  2. यह बीएसएनएल ही नहीं सभी जगह सरकारी और प्राइवेट में फर्क है चाहे सड़क हॉस्पिटल

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