Jio, Airtel और Vi का साथ छोड़ BSNL से जुड़ रहे भारतीय मोबाइल यूजर! आखिर क्यों, क्या आप भी हैं इनमें से एक?

Reliance Jio, Airtel और Vodafone Idea द्वारा Mobile Plans Price बढ़ाए जाने के बाद भारतीय यूजर इन प्राइवेट कंपनियों से नाराज नज़र आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर सैकड़ों ऐसे कमेंट्स मौजूद हैं जिनमें मोबाइल यूजर्स ने अपनी परेशानी जाहिर की है तथा निजी कंपनियों की मनमानी पर भड़ास भी निकाली है। इस टेलीकॉम कंपनियों द्वारा मोबाइल प्लान्स की कीमत बढ़ाए जाने के बाद उपभोक्ता किसी सस्ते विकल्प की तालाश में हैं और यूजर्स को BSNL के रूप में ही बेस्ट ऑप्शन नज़र आ रहा है। टैरिफ महंगे होने का परिणाम कुछ ऐसा नज़र आया है कि लाखों की गिनती में लोग जियो, एयरटेल और वीआई नेटवर्क छोड़कर बीएसएनएल से जुड़ रहे हैं।

BSNL को अपना रहे इंडियन

BSNL से जुड़ी एक बड़ी खबर हाल ही में सामने आई है जिसके अनुसार देश की सरकारी टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड ने सिर्फ एक महीने में 1 मिलियन यानी 10 लाख से भी अधिक नए यूजर्स को अपने नेटवर्क से जोड़ा है। टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया यानी TRAI ने अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में इन चौंकाने वाले आंकड़ों को शेयर किया है। ये आंकड़ें साफ तौर पर बता रहे हैं कि प्राइवेट कंपनियों द्वारा मोबाइल प्लान्स का दाम बढ़ाए जाने के बाद लोगों ने जियो, एयरटेल और वीआई के नेटवर्क को छोड़ दिया था तथा मोबाइल यूजर्स ने बीएसएनएल नेटवर्क को ज्वाइंन कर लिया था।

ट्राई की रिपोर्ट के मुताबिक दिसंबर 2021 में प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियों ने जहां लाखों ग्राहक खो दिए थे वहीं सरकारी दूरसंचार कंपनी ने उस एक महीने में 1 मिलियन से भी अधिक नए ग्राहक अपने नेटवर्क से जोड़े हैं। इस समय के दौरान 11,66,692 वायरलेस सब्सक्राइबर्स BSNL नेटवर्क से जुड़े हैं जो सभी कंपनियों के मुकाबले सबसे ज्यादा हैं। बीएसएनएल के अलावा सिर्फ Bharti Airtel ने ही नए ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा है और 4,75,081 यूजर्स ने एयरटेल को चुना है। यह भी पढ़ें : इन​कमिंग कॉल फ्री हो और वैलिडिटी रिचार्ज हो बंद! मोबाइल यूजर्स ने उठाई आवाज

Jio को हुआ करोड़ों का नुकसान

Reliance Jio और Vodafone Idea की बात करें तो इन दोनों कंपनियों के यूजर्स बेस में भारी कमी देखी गई है। कंपनियों द्वारा मोबाइल प्लान्स की कीमतें बढ़ाए जाने के असर साफ दिखाई पड़ा है। दाम बढ़ने के एक महीने के भीतर ही लाखों मोबाइल यूजर्स ने इन कंपनियों की सिम को बंद कर दिया है। ट्राई के रिपोर्ट के मुताबिक वीआई से 16,14,710 वायरलेस सब्सक्राइबर्स कंपनी को छोड़कर चले गए तथा मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो को 1,29,01,812 वायरलेस सब्सक्राइबर्स ने ठेंगा दिखाया है।

सिम सेल करने में बीएसएनएल नंबर वन

ट्राई रिपोर्ट के अलावा कुछ समय पहले बीएसएनएल बिहार सर्किल की ओर से भी एक खबर आई थी जिसमें बताया गया था कि बीते महीनों में वहीं बीएसएनएल सिम खरीदने वाले मोबाइल यूजर्स की गिनती के काफी तेजी आई है। कुछ लोग जहां प्राइवेट कंपनियों के नंबर बीएसएनएल नेटवर्क में पोर्ट करवा रहे हैं तो अनेंको उपभोक्ता बीएसएनएल कंपनी का नया नंबर खरीद रहे हैं। ये तेजी भी​ रिलायंस जियो, एयरटेल और वीआई द्वारा टैरिफ प्लान्स महंगे किए जाने के बाद देखी गई थी। यह भी पढ़ें : ये हैं BSNL के बेस्ट रिचार्ज, इनके सामने Jio-Airtel के प्लान भी हैं बेदम

क्यों भा रही है BSNL?

पिछले वर्षो में बीएसएनएल को लगातार पिछड़ते हुए की देखा गया है। प्राइवेट कंपनियां जहां 5G Trials में लगी हुई हैं वहीं बीएसएनएल अभी पूरे देश में 4G Network भी लागू नहीं कर पाई है। कहीं न कहीं केंद्र सरकार की ओर से भी इस कंपनी की अनदेखी की गई है। लेकिन जब से प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों ने अपने मोबाइल प्लान्स की कीमतें बढ़ाई है तब से सस्ते और बेहतर ऑप्शन की तालाश में मोबाइल यूजर बीएसएनएल नेटवर्क की ओर खींच रहे हैं।

सिर्फ प्राइवेट कंपनियों की महंगाई ही नहीं बल्कि बीएसएनएल के सस्ते टैरिफ प्लान्स भी भारतीय यूजर्स को लुभाने में कामयाब दिखाई दे रहे हैं। कम आय वाले नागरिक तथा ऐसे यूजर जो मोबाइल सर्विस के लिए अधिक पैसा नहीं खर्च करना चाहते, उनके लिए बीएसएनएल बेस्ट साबित हो रही है। इसके साथ-साथ दो सिम चलाने वाले ग्राहक तथा ऐसे उपभोक्ता जो अपने मोबाइल नंबर का ज्यादा यूज़ तो नहीं करते लेकिन उसे स्थाई रूप से चालू रखना चाहते हैं, उनके लिए BSNL की लंबी वैलिडिटी वाले सस्ते प्लान इस वक्त पूरे टेलीकॉम बाजार में सबसे बेहतर साबित हो रहे हैं। यह भी पढ़ें : अपनाना तो चाहते हैं BSNL लेकिन फिर भी बना रहे दूरी, आखिर क्या है हम भारतीयों की मजबूरी? जानें 5 कारण

BSNL स​र्विस होगी और भी बेहतर

हॉं, यह सच है कि 4जी सर्विस की कमी, नेटवर्क व कवरेज की समस्या तथा बीएसएनएल कर्मचारियां का गैर जिम्मेदाराना रवैया इसके विकास में बड़ा बाधा उत्पन्न कर रहा है। लेकिन अब लगता है कि बीएसएनएल के भी अच्छे दिन आने वाले हैं। इस कंपनी को वित्त वर्ष 2022-23 में केंद्र सरकार की ओर से 44,720 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। सिर्फ इतना ही नहीं सरकार 3300 करोड़ रुपये वीआरएस ​अर्थात् Voluntary Retirement Scheme के लिए और 3550 करोड़ रुपये GST के लिए भी देगी। BSNL इस राशि का इस्तेमाल टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन और रीस्ट्रकचरिंग के साथ ही पूरे देश में 4G सर्विस लागू करने तथा स्पेक्ट्रम व अन्य जरूरी कंपोनेंट्स के लिए पर्याप्त संसाधन जुटाने में लगाएगी।