मोदी सरकार का तोहफा!, अब सस्ते हो जाएंगे महंगे स्मार्टफोन

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Highlights

  • कुछ मोबाइल फोन कंपोनेंट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है।
  • इंपोर्ट ड्यूटी कम करने को लेकर काफी समय से इंडस्ट्री की मांग चल रही थी।
  • इससे मोबाइल फोन के लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने में मदद मिलने की उम्मीद है।

सरकार ने भारत में लोकल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल फोन के प्रमुख हिस्सों पर इंपोर्ट ड्यूटी में कटौती की है। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत स्मार्टफोन ब्रांड पहले से ही स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग में भारी निवेश कर रहे हैं। वहीं, मोदी सरकार के इस कदम के बाद माना जा रहा है कि देश में स्मार्टफोन की कीमतें भी कम हो सकती हैं। यह कटौती केंद्रीय बजट 2024 से ठीक एक दिन पहले आई है जो कि बड़ी बात है।

मोबाइल फोन के प्रमुख हिस्सों पर इंपोर्ट ड्यूटी हुई कम

मोबाइल फोन के प्रमुख पार्ट्स पर इंपोर्ट ड्यूटी 15 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दिया गया है। इसमें मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग में उपयोग किए जाने वाले कई हिस्से शामिल हैं जैसे- बैटरी कवर, फ्रंट कवर, मध्य कवर, मेन लेंस, बैक कवर, जीएसएम एंटीना, पीयू केस, सीलिंग गैस्केट, सिम सॉकेट, स्क्रू, प्लास्टिक और धातु के अन्य आइटम। जहां तक इन वस्तुओं के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले इनपुट पर इंपोर्ट शुल्क की बात है तो इसे घटाकर शून्य कर दिया गया है।

लंबे समय से थी इंपोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग

मोबाइल फोन के मैन्युफैक्चरिंग में उपयोग किए जाने वाले इनपुट के इंपोर्ट पर कम शुल्क की इंडस्ट्री की लंबे समय से मांग के बीच यह राहत मिली है। इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) ने इस महीने की शुरुआत में सरकार को मोबाइल फोन घटकों पर आयात को शून्य करने का सुझाव दिया था। इसमें पीसीबीए के हिस्से, कैमरा मॉड्यूल और कनेक्टर शामिल हैं।

इंडिया में और बढ़ेगा मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का काम

“यह भारत में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में सरकार का एक महत्वपूर्ण और स्वागत योग्य नीतिगत हस्तक्षेप है। आईसीईए के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू ने कहा, पैमाने का निर्माण और कम इनपुट टैरिफ पर सवारी भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग और निर्यात के लिए वैश्विक केंद्र में बदलने की की है।

दो साल में इतना बढ़ेगा भारत में मोबाइल फोन निर्यात

ICEA के अनुसार, भारत में अगले दो वर्षों में मोबाइल फोन निर्यात को FY23 में 11 बिलियन डॉलर से बढ़ाकर 39 बिलियन डॉलर करने की क्षमता है। यह सुझाव दिया गया है कि यह घटकों पर कम आयात शुल्क और उनमें से कुछ के लिए शून्य के परिणामस्वरूप होगा। इससे भारत को शीर्ष निर्यातकों, चीन और वियतनाम के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने में भी मदद मिलेगी

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